भारत की हवाई रक्षा करने के लिए आकाश मिसाइल सिस्टम शानदार है, जिसे डीआरडीओ (DRDO) ने विकसित किया है. अब इसका नया वर्जन, आकाश-प्राइम आया है, जो इसे और शक्तिशाली बनाता है. क्या आप जानना चाहते हैं कि आकाश और आकाश-प्राइम में क्या अंतर है?
आकाश मिसाइल: बेसिक स्ट्रेंथ
आकाश मिसाइल भारत की पहली स्वदेशी मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली (SAM) मिसाइल है. इसे 1980 के दशक में डीआरडीओ ने बनाना शुरू किया था. 2014 में भारतीय वायु सेना और 2015 में भारतीय सेना ने इसे अपनाया. इसके मुख्य फीचर्स हैं...
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आकाश ने 2020 में भारत-चीन सीमा तनाव के दौरान और ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान के हवाई हमलों को नाकाम करके अपनी ताकत साबित की है.
आकाश-प्राइम: नया एडवांस वर्जन
आकाश-प्राइम आकाश का अपग्रेडेड रूप है, जो 2021 में पहली बार टेस्ट किया गया. यह खास तौर पर ऊंचाई और ठंडे इलाकों (जैसे लद्दाख) में काम करने के लिए डिजाइन किया गया है. इसके अंतर हैं...
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कौन बेहतर है?
आकाश पहले से प्रूव्ड सिस्टम है, जो भारत की हवाई रक्षा की रीढ़ है. लेकिन आकाश-प्राइम इसे आगे ले जाता है. इसका RF सीकर और ऊंचाई पर प्रदर्शन इसे दुश्मन के नए हथियारों (जैसे चीनी ड्रोन्स) के खिलाफ कारगर बनाता है. लद्दाख जैसे इलाकों में, जहां ऑक्सीजन कम और ठंड ज्यादा होती है, आकाश-प्राइम की जरूरत ज्यादा महसूस होती है.
भविष्य की दिशा
आकाश-प्राइम को और बेहतर करने का काम जारी है. इसका अगला कदम आकाश-एनजी (New Generation) होगा, जिसमें 70-80 KM की रेंज होगी. यह भारत को हवाई खतरे से बचाने में और मजबूत करेगा. आकाश और आकाश-प्राइम दोनों भारत की रक्षा में अहम हैं, लेकिन आकाश-प्राइम नई तकनीक और सटीकता के साथ एक कदम आगे है.