भारत में आज बहुप्रतिक्षित अमेरिकी कंपनी टेस्ला का शोरूम मुंबई में खुल गया. जाहिर है कि देश के एक खास तबके में इस कार को लेकर जबरदस्त हलचल है. इसमें कोई दो राय नहीं हो सकती कि टेस्ला की जबरदस्त बुकिंग होने वाली है. भारत में पिछले कुछ दिनों से देखा गया है कि बड़ी गाडी और बड़े मकानों की बिक्री तेज है. और फिर टेस्ला की बात ही और है. स्टेटस सिंबल के लिए कुछ भी करने वाले इस देश के नागरिकों में इसका क्रेज एक हफ्ते में होने वाली बुकिंग में देखने को मिल जाएगी. आखिर आईफोन के नए मॉडल की लॉन्चिंग पर रात भर जागकर लाइन लगाने वाले अब इस देश में भी हैं.
पर क्या जो देश हर्ले डेविडसन, फोर्ड और शेवर्ले जैसी सफल कंपनियों के साथ भारत में हुआ वो टेस्ला के साथ नहीं होगा? ऐसे समय में जब दुनिया भर में टेस्ला की डिमांड घट रही है क्या मस्क में भारत में बड़ी सफलता अर्जित कर सकेंगे इसमें संदेह ही है. दरअसल भारत में टेस्ला के सामने एक नहीं, कई चुनौतियां हैं. शायद यही कारण है कि टेस्ला के मालिक दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति एलॉन मस्क भी भारत में धीरे-धीरे कदम बढा़ना चाहते हैं. उधर टेस्ला को लेकर भारतीय उद्योगपतियों में भी हलचल है . आनंद महेंद्रा ने तो हंसी हंसी में मस्क को चार्जिंग स्टेशन पर मिलने का चैलेंज भी दे दिया है. उन्होंने X पर लिखा, एलन मस्क और टेस्ला, भारत में आपका स्वागत है. दुनिया के सबसे बड़े ईवी बाजारों में से एक भारत अब और रोमांचक हो गया है. कॉम्पटीशन इनोवेशन को बढ़ाती है और आगे लंबा रास्ता है. चार्जिंग स्टेशन पर आपसे मुलाकात का इंतजार रहेगा.
Welcome to India, @elonmusk and @Tesla.
— anand mahindra (@anandmahindra) July 15, 2025
One of the world’s largest EV opportunities just got more exciting.
Competition drives innovation, and there’s plenty of road ahead.
Looking forward to seeing you at the charging station. pic.twitter.com/7Uh2ziV0fp
भारत में ढेर सारी चुनौतियां हैं
जेएसडब्ल्यू समूह के चेयरमैन सज्जन जिंदल ने इसी साल मार्च में कहा था कि टेस्ला के लिए भारतीय बाजार चुनौतीपूर्ण हो सकता है. जिंदल ने एक अवॉर्ड समारोह के दौरान कहा कि एलॉन मस्क यहां नहीं हैं. वे अमेरिका में हैं. वे भारत में सफल नहीं हो सकते! हम भारतीय यहां हैं. वे वह नहीं कर सकते जो महिंद्रा और टाटा कर सकता है.
जिंदल के इस बयान में सचाई है कि एलॉन मस्क बहुत होशियार हैं. वे अंतरिक्ष यान और इस तरह के अन्य कामों में माहिर हैं. उन्होंने अद्भुत काम किए हैं पर भारत में सफल होना कोई आसान काम नहीं है. हालांकि भारत में कार आज भी स्टेटस सिंबल के लिए ही खरीदी जाती है, यह टेस्ला के पक्ष में काम करेगा, पर इतना ही काफी नहीं है. पर कार को लेकर यहां की सोच कई तथ्यों पर निर्भर करती है. अधिक टैरिफ, चीन में निर्माण, टेस्ला से कम दाम में कई विकल्पों का उपलब्ध होना आदि ऐसी परेशानियां हैं जो मस्क के लिए फ्रूटफुल नहीं दिख रही हैं.
भारतीय मध्यम वर्ग के लिए अस्वीकार्य हैं टेस्ला की कीमतें
टेस्ला ने जो मॉडल मैदान में उतारा है उसकी कीमत 70 लाख तक का है. जाहिर है कि मर्सडीज , बीएमडब्लू और पोर्शे जैसी गाड़ियों की रेंज में कांपटीशन बढ़ेगा. महेंद्रा और टाटा की ईवी अभी भी 30 लाख के नीचे ही हैं. अगर टेस्ला अपनी रेंज 40 से 45 लाख तक रखती तो बहुत उम्मीद थी कि टाटा , महेंद्रा, हुंडई आदि की मार्केट खराब हो जाती. यह सही है कि भारत में आज भी गाड़ियां स्टेटस सिंबल के लिए ही खरीदी जाती हैं. इसलिए जो ग्राहक 30 लाख तक खर्च करने की हैसियत रखते हैं वो 15 लाख और खर्च करने की हिम्मत कर सकते थे. पर 50 लाख के ऊपर कार के लिए खर्च करने वाले भारतीय अब भी बहुत कम हैं.
भारत में अभी तक एप्पल फोन की कुल हिस्सेदारी 7 से 12 प्रतिशत ही है. जबकि यूएस और चीन में यह प्रतिशत बहुत अधिक है. कहने का मतलब है कि जब आईफोन खरीदने वाले इतने कम हैं तो टेस्ला अपनी पैठ कितना बना पाएगी भारतीय बाजार में यह भविष्य ही बताएगा.
2024 में टेस्ला की अमेरिकी EV मार्केट में हिस्सेदारी लगभग 50% और चीनी NEV मार्केट में 6% थी. अमेरिका में यह प्रीमियम सेगमेंट में अग्रणी है, जबकि चीन में BYD (34.1%) जैसे स्थानीय ब्रांड्स के कारण हिस्सेदारी घटी है. जाहिर है कि भारत में 2 परसेंट हिस्सेदारी तो कुल प्रिमियम कारें जो 50 लाख से ऊपर की हैं उनकी नहीं हैं.
भारत में 50 लाख रुपये से ऊपर की प्रीमियम कारों की मार्केट हिस्सेदारी 2024 में लगभग 1-1.5% थी. मूल्य के आधार पर यह 10-12% तक पहुंच जाती है. जाहिर है कि इस एक से डेढ़ प्रतिशत में ही मर्सिडीज-बेंज, बीएमडब्ल्यू,आदि में टेस्ला को जगह बनानी होगी.
2023 में भारत में बिकने वाली कारों की औसत कीमत
भारत में सभी कारों की बिक्री का औसत निकाला जाए तो 11.5 लाख के करीब होती है. मतलब भारत में 20 से 25 लाख तक की कारें तो लोग खुशी खुशी खरीदते हैं. टेस्ला की कारें, जो प्रीमियम सेगमेंट में आती हैं, भारतीय उपभोक्ताओं के लिए इसलिए महंगी पड़ रही हैं. हो सकता है कि भविष्य में टेस्ला भारत की परिस्थितियों के अनुसार कुछ सस्ती गाड़ियां भी मार्केट में लाए. भारतीय निर्माता जैसे टाटा मोटर्स, महिंद्रा, और मारुति सुजुकी सस्ती EVs (₹10-22 लाख) पेश कर रहे हैं. CLSA की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में EV की मांग 2025 में कुल वाहन बिक्री का केवल 4% होगी. टेस्ला पहले ही कीमतें 6-13.5% कम कर चुकी है. इसलिए ये उम्मीद करना कि भविष्य में टेस्ला कीमतें और कम करेगी एक छलावा ही है.